Monday, February 2, 2015


रामविलास शर्मा के अवदान എന്ന വിഷയത്തിലുള്ള ത്രിദിന ഹിന്ദി ദേശീയ സെമിനാര്‍ 3-2-2015ന് 9.30ന് തലശ്ശേരി ബ്രണ്ണന്‍ കോളേജില്‍ ആരംഭിക്കുന്നു.


Tuesday, December 13, 2011

योजक

योजक


जो....वह....

वह पढ़ता है। वह पास होता है। जो पढ़ता है वह पास होता है।

वह नमक खाता है। वह पानी पीता है। जो नमक खाता है वह पानी पीता है।

वह बोता है। वह काटता है। जो बोता है वह काटता है।

वह पाप करता है। वह नरक पाता है। जो पाप करता है वह नरक पाता है।

वह मेहनत करता है। वह फल पाता है। जो मेहनत करता है वह फल पाता है।

वह सोता है। वह खोता है। जो सोता है वह खोता है।


जहाँ....... वहाँ.......

यहाँ फूल हैं। यहाँ खुशबू है। जहाँ फूल है वहाँ खुशबू है।

वहाँ गंदगी है। वहाँ मक्खी है। जहाँ गंदगी है वहाँ मक्खी है।

वहाँ मच्छर है। वहाँ बीमारी है। जहाँ मच्छर है वहाँ बीमारी है।

वहाँ स्कूल है। वहाँ छात्र हैं। जहाँ स्कूल है वहाँ छात्र हैं।

वहाँ अस्पताल है। वहाँ बीमार हैं। जहाँ अस्पताल है वहाँ बीमार हैं।

वहाँ पानी है। वहाँ मछली है। जहाँ पानी है वहाँ मछली है।


जितना.....उतना.....

सागर में बहुत पानी है। नदी में उतना पानी नहीं हैं।

जितना पानी सागर में है उतना नदी में नहीं।

ताजमहल देखने कई लोग आते हैं। कुतुब मीनार देखने उतने लोग नहीं आते हैं।

ताजमहल देखने जितने लोग आते हैं उतने कुतुब मीनार देखने नहीं आते।

श्रीराग के पास कई कलमें हैं। प्रणव के पास उतनी कलमें नहीं हैं।

श्रीराग के पास जितनी कलमें हैं उतनी प्रणव के पास नहीं।

जिजिना के घर के पास बहुत-से पेड़ हैं। रसना के घर के पास उतने पेड़ नहीं हैं।

जितने पेड़ जिजिना के घर के पास हैं उतने रसना के घर के पास नहीं।

रामु बहुत मेहनत करता है। दामु उतनी मे हनत नहीं करता है।

रामु जितनी मेहनत करता है उतनी दामु नहीं करता।


यदि......तो.....

तुम तेज़ नहीं दौड़े। तुम्हें गाड़ी नहीं मिली।

यदि तुम तेज़ दौड़ते तो तुम्हें गाड़ी मिलती।

मुझे प्यास नहीं लगी। मैंने पानी नहीं पिया।

यदि प्यास लगती तो मैं पानी पीता।

उसने नहीं पढ़ा। वह पास नहीं हुआ।

यदि वह पढ़ता तो पास होता।

पानी नहीं बरसा। यदुनाथ ने छतरी नहीं ली।

यदि पानी बरसता तो यदुनाथ छतरी लेता।


इसलिए

स्कूल में पढ़ाई है। अनुराज स्कूल गया है।

स्कूल में पढ़ाई है इसलिए अनुराज स्कूल गया है।

स्कूल में घंटी बजी है। अषिता घर चली है।

स्कूल में घंटी बजी है इसलिए अषिता घर चली है।

हड़ताल है। दूकानें बंद हैं।

हड़ताल है इसलिए दूकानें बंद हैं।


और

घंटी बजी। अभिजित्त घर चला।

घंटी बजी और अभिजित्त घर चला।

पानी बरसा। कार्तिका ने छतरी खोली।

पानी बरसा और कार्तिका ने छतरी खोली।

भारी वर्षा हुई। हसन पानी में भीग गया।

भारी वर्षा हुई और हसन पानी में भीग गया।


क्योंकि

रमेश स्कूल नहीं आया। रमेश को बुखार है।

रमेश स्कूल नहीं आया क्योंकि उसे बुखार है।

आज स्कूल छुट्टी है। आज रविवार है।

स्कूल छुट्टी है क्योंकि आज रविवार है।

अंजलि कुत्ते के पास नहीं जाती। अंजलि को कुत्ते से डर है।

अंजलि कुत्ते के पास नहीं जाती क्योंकि उसे डर है।




रवि.एम., सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कडन्नप्पल्लि, 670501.




महादेवी का पत्र - बहन श्याम के नाम

महादेवी जी अपनी बहन श्यामा के घर से एक बछिया लाईं। वह महादेवी जी के अन्य पशु-पक्षियों से हिल-मिलकर रहने लगी। मान लें, इस संदर्भ में लेखिका अपनी बहन श्यामा के नाम एक पत्र लिखना चाहती हैं। लिखिका का वह संभावित पत्र तैयार कीजिए।

अपनी बहन श्यामा के नाम लेखिका महादेवी जी का पत्र

'................',

फरूखाबाद-,

८८-८८-८८८८.

प्यारी बहन,

तुम कैसी हो घर में सब कैसे हैं। मैं यहाँ ठीक हूँ।

तुम्हारे घर से मैं जो बछिया लाई थी, वह भी बिलकुल अच्छी है। हमने उसका नामकरण किया- गौरांगिनी। लेकिन हम उसे गौरा पुकारते हैं। वह आजकल बहुत खुशी के साथ रहने लगी है। हमारे अन्य पशु-पक्षियों के साथ वह हिल-मिलकर रहने लगी है। हमारे कुत्ते-बिल्लियों ने उसके पेट के नीचे और पैरों के बीच में खेलना शुरू किया है। जब तुमने एक गाय पालने का उपदेश दिया था तब मैं संदेह कर रही थी। लेकिन उसे देखते ही गाय पालने के संबंध में मेरी दुविधा थी वह निश्चय में बदल गया था। क्योंकि उसका पुष्ट सुंदर रूप मुझे बहुत आकर्षित किया था। यहाँ आकर वह ज्यादा सुंदर बनी है।

घर में सबको मेरा हैलो बोलना। शेष बातें अगले पत्र में।

तुम्हारी बहन,

महादेवी

सेवा में

श्यामा......,

.......................,

........................


लक्ष्मणन जी के नाम कवि ज्ञानेन्द्रपति का पत्र

'दूधो नहाओ' पर व्याख्या

'दूधो नहाओ' पर व्याख्या


प्यारे हिंदी अध्यापक बंधुओ,

क्या आप लोगों ने इस संदर्भ पर ध्यान दिया है?

"गौरा प्रात: सायं बारह सेर के लगभग दूध देती थी, अत: लालमणि के लिए कई सेर छोड़ देने पर भी इतना अधिक शेष रहता था कि आसपास के बालगोपाल से लेकर कुत्ते-बिल्ली तक सब पर मानो 'दूधो नहाओ' का आशीर्वाद फलित होने लगा।" (गौरा पृ.सं. 13)

'दूधो नहाओ' 'दूधों नहाओ, पूतों पलो' आशिर्वाद का संक्षिप्त रूप है। इसका मतलब है कि may you flourish with wealth and progency .(मीनाक्षी हिंदी अंग्रेज़ी कोश, संस्करण 1998, पृ. 362) हिंदी में बताएँ तो 'धन और संतान की वृद्धि हो' (नालन्दा विशाल शब्द सागर, संस्करण 1991, पृ. 606)

यहाँ लेखिका ने गौरा के द्वारा अत्यधिक दूध दिए जाने पर ऐसा प्रयोग किया है। लेकिन बहुत-से मित्रों ने इसकी व्याख्या गलत दी है।

आपसे प्रार्थना है कि ऐसे विशेष बातों पर आप अपनी संदर्भसहित व्याख्या से सहायता करें ताकि सभी अध्यापक बंधु उससे लाभान्वित हो।

आपका,

रवि. एम.